Sunday, 19 November 2017

फिल्‍म 'पद्मावती' से जुड़े एक, दो नहीं बल्‍िक कुल 7 विवाद हैं, आप भी जानें.....


दीपिका पादुकोण स्‍टारर फिल्‍म 'पद्मावती' को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं, मरने-मारने की धमकी दे रहे हैं। फिल्‍म बैन होगी या नहीं यह तो वक्‍त बताएगा। लेकिन फिल्‍म से जुड़े कौन से आठ विवाद हैं, आप भी जान लीजिए....

1. पद्मावती और खिलजी के बीच रोमांस
करणी सेना ने जनवरी में पद्मावती की शूटिंग इसलिए रुकवा दी थी, कि उन्‍हें किसी ने बता दिया कि भंसाली साहब पद्मावती और खिलजी के बीच रोमांस करवा रहे हैं। बस फिर क्‍या था जयपुर में जहां शूटिंग हो रही थी, वहां करणी सेना ने खूब तोड़फोड़ की। बाद में भंसाली को बयान देना पड़ा कि, फिल्‍म में ऐसा कुछ नहीं है, जो लोग सोच रहे हैं। भंसाली ने उस वक्‍त भी यही बयान दिया था और अभी हफ्ते भर पहले वीडियो जारी करके कहा कि, उन्‍होंने फिल्‍म में पद्मावती और खिलजी का रोमांस नहीं दिखाया है।



2. इतिहास के साथ छेड़छाड़
संजय लीला भंसाली पर एक आरोप और लगा कि उन्‍होंने पद्मावती के इतिहास के साथ खिलवाड़ किया है। भंसाली ने बिना इतिहास को पढ़े और समझे फिल्‍म बना दी, इसका करणी सेना विरोध करती है। इस लड़ाई में कई नेता और यहां तक की राजस्‍थान की रॉयल फैमिली भी कूद गई। सभी चाहते हैं कि फिल्‍म बैन हो, ताकि दर्शक गलत इतिहास को न देखें। वहीं भंसाली इन आरोपों को हमेशा झूठ बतलाते हैं, उनका कहना है कि उन्‍होंने इतिहास के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की।




3. घूमर गाने में पद्मावती का नाम खराब किया

राजस्‍थान में घूमर डांस की उतनी ही इज्‍जत है, जितनी साउथ फिल्‍म इंडस्‍ट्री में रजनीकांत की। यानी कि राजस्‍थान का बच्‍चा-बच्‍चा घूमर डांस से वाकिफ है, यह वहां की संस्‍कृति से जुड़ा है। फिल्‍म पद्मावती में रानी बनी दीपिका ने घूमर डांस परफॉर्म किया है लेकिन लोगों को पसंद नहीं आया। विरोध करने वाले कहते हैं कि, इस गाने के जरिए पद्मावती का नाम खराब किया गया है। पद्मावती एक रानी थीं, उन्‍हें खिलौने वाली गुड़िया बनाकर रख दिया। खैर भंसाली फिर भी कहते हैं कि, पहले फिल्‍म देख लें बाद में जज करें।


4. रानी के कपड़ों पर आपत्‍ति
घूमर गाने में दीपिका पादुकोण ने लंहगा चुनरी पहना हुआ है जिसमें कि उनका पेट का कुछ हिस्‍सा खुला है। विरोध करने वालों को इससे भी आपत्‍ति है। उनका कहना है कि रानी पद्मावती ने इस तरह के कपड़े कभी नहीं पहने, यह पद्मावती का अपमान है।

5. हिंदुत्‍व के खिलाफ है यह फिल्‍म
राजपूत लोगों ने जमकर बवाल काटा ही, अब फिल्‍म के हिंदुत्‍व पर वार को लेकर जंग छिड़ गई। विश्‍व हिंदू परिषद नेता आचार्य धर्मेंद्र कहते हैं कि, यह फिल्‍म एंटी हिंदू और एंटी नेशनल है। यह हिंदुओं के सम्‍मान पर चोट करती है, इसे बैन कर देना चाहिए।

6. फिल्‍म सती प्रथा को बढ़ावा देगी
पद्मावतीकी कहानी 'जौहर' के बिना अधूरी है। रानी पद्मावती ने अपनी लाज बचाने के लिए अग्‍निकुंड में छलांग लगाकर मौत को गले लगा लिया था। इसी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई, कि यह फिल्‍म सती प्रथा (जौहर) को बढ़ावा देती है। खैर कोर्ट ने इसे ठुकराते हुए कहा कि इसका निर्णय फिल्‍म प्रमाणन बोर्ड लेगी।

7. अलाउद्दीन खिलजी को बना दिया हीरो
भारतीय इतिहास में अलाउद्दीन खिलजी को विलेन के तौर पर देखा जाता है। भंसाली पर आरोप है कि उन्‍होंने खिलजी को हीरो के रूप में पर्दे पर पेश किया। खैर विवाद चाहे जितना हो, असलियत तो फिल्‍म रिलीज के बाद ही पता चलेगी।

Friday, 10 November 2017

Aaj ka Suvichar..

👉 देने से ही मिलेगा
  
🔶 किसी को कुछ दीजिए या उसका किसी प्रकार का उपकार कीजिए तो बदले में उस व्यक्ति से किसी प्रकार की आशा न कीजिए। आपको जो कुछ देना हो दे दीजिए। वह हजार गुणा अधिक होकर आपके पास लौट आवेगा। परन्तु आपको उसके लौटने या न लौटने की चिन्ता ही न करनी चाहिए। अपने में देने की शक्ति रखिए, देते रहिए। देकर ही फल प्राप्त कर सकेंगे। यह बात सीख लीजिए कि सारा जीवन दे रहा है। प्रकृति देने के लिए आप को बाध्य करेगी। इसलिए प्रसन्नतापूर्वक दीजिए। आज हो या कल, आपको किसी न किसी दिन त्याग करना पड़ेगा ही।

🔷 जीवन में आप संचय करने के लिए आते हैं परन्तु प्रकृति आपका गला दबाकर मुट्ठी खुलवा लेती है। जो कुछ आपने ग्रहण किया है वह देना ही पड़ेगा, चाहे आपकी इच्छा हो या न हो। जैसे ही आपके मुँह से निकला कि ‘नहीं, मैं न दूँगा।’ उसी क्षण जोर का धक्का आता है। आप घायल हो जाते हैं। संसार में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो जीवन की लम्बी दौड़ में प्रत्येक वस्तु देने, परित्याग करने के लिए बाध्य न हो। इस नियम के प्रतिकूल आचरण करने के लिए जो जितना ही प्रयत्न करता है वह अपने आपको उतना ही दुखी अनुभव करता है।

🔶 हमारी शोचनीय अवस्था का कारण यह है कि परित्याग करने का साहस हम नहीं करते इसी से हम दुखी हैं। ईंधन चला गया उसके बदले में हमें गर्मी मिलती है। सूर्य भगवान समुद्र से जल ग्रहण किया करते हैं उसे वर्षा के रूप में लौटाने के लिए आप ग्रहण करने और देने के यन्त्र हैं। आप ग्रहण करते हैं देने के लिए। इसलिए बदले में कुछ माँगिए नहीं। आप जितना भी देंगे, उतना ही लौटकर आपके पास आवेगा।

Thursday, 9 November 2017

Be theist....


🔴 Parmatma is universal everywhere, many people know this truth but they do not believe it. Do not bring in practice. The one who will consider the God as omnipresent, depleting and redeeming, his life will be completely free from the absolute, innocent and kashayas. In the Gita, God has said that one who comes in my shelter, who is worshiping me with an exquisite sense, immediately saves with sins, of course it is similar. The person who goes to the refuge of God, who believes in him, believes in him, has full faith in him, lives in a way that is free.

🔵 God's faith and true life are two names of the same object. Who is a devotee of God, who has left it and has surrendered at the feet of Lord. The one who worships God, must have faith on the universality of all the world. If that faith becomes firmly established that God is in Jarer-Jarrah, there exists everywhere, then there can not be the courage to do sin. Who is such a thief who dares to steal in front of a careful armed police, for theft, fornication, cheating, slyness, conceit, falsehood, violence etc, the need for shadows, curtains, etc. are required.

🔴 Where there is a chance there is no catching of these bad things, it is possible to do them. The strong strength of the people who see the good kind of cunning and the people catching them are standing in front. It is not possible to have sin karmas Similarly, who believes with the true heart that God is present everywhere, he can not dare to do any misdeed

आस्तिक बनो....


🔴 परमात्मा सर्वत्र व्यापक है, इस सत्य को जानते तो अनेक लोग हैं पर उसे मानते नहीं। व्यवहार में नहीं लाते। जो परमात्मा को सर्वव्यापी, घट-घट वासी मानेगा, उसका जीवन उसी क्षण पूर्ण पवित्र, निष्पाप और कषाय-कल्मषों से रहित हो जायेगा। गीता में भगवान ने कहा है कि जो मेरी शरण में आता है, जो मुझे अनन्य भाव से भजता है वह तुरन्त ही पापों से छूट जाता है निःसंदेह बात ऐसी ही है। भगवान की शरण में जाने वाला, उस पर सच्चा विश्वास करने वाला, उस पर पूर्ण आस्था रखने वाला, एक प्रकार से जीवन मुक्त ही हो जाता है।

🔵 ईश्वर का विश्वास और सच्चा जीवन एक ही वस्तु के दो नाम हैं। जो भगवान का भक्त है, जिसने तब छोड़ कर प्रभु के चरणों में आत्म समर्पण कर गया है। जो परमात्मा की उपासना करता है उसे जगत-पिता की सर्व व्यापकता पर आस्था जरूर होनी चाहिए। यदि वह विश्वास दृढ़ हो जाय कि भगवान जर्रे-जर्रे में समाया हुआ है, हर जगह मौजूद है तो पाप कर्म करने का साहस ही नहीं हो सकता। ऐसा कौन सा चोर है जो सावधान खड़ी हुई सशस्त्र पुलिस के सामने चोरी करने का साहस करे, चोरी, व्यभिचार, ठगी, धूर्तता, दंभ, असत्य, हिंसा आदि के लिए आड़ की, पर्दे की, दुराव की जरूरत पड़ती है।

🔴 जहाँ मौका होता है इन बुरे कामों को पकड़ने वाला नहीं होता, वहीं इनका किया जाना संभव है। जहाँ धूर्तता की भली प्रकार समझने वालों देखने वाले और पकड़ने वाले लोगों की मजबूत ताकत सामने खड़ी होती है। वहाँ पाप कर्मों का हो सकना संभव नहीं। इसी प्रकार जो इस बात पर सच्चे मन से विश्वास करता है कि परमात्मा सब जगह मौजूद है वह किसी भी दुष्कर्म के करने का साहस नहीं कर सकता।

👉 It is not about time lapse.

 
🔶 This time is of important work like era change. It should be called an exam timing for idealist rigorous soldiers, so nothing should be considered as superlative in it. Old garbage goes away and the enthusiasm of novelty is gathered in its place. It is a great change-the revolution of the Mahakranti .... Here the army equipped with context weapons is running. If only they do not understand the significance of time, need, where, wherever there is begging, and the entire army will have to be defeated due to not getting the weapons at the time, then only those people will be angry at all, And also kept the dignity of himself and the pride of his country.

🔷 Each of the living beings, jagrts and souls should experience that it is such a special time that comes once more thousands of millions of years. The credit for the Satyagrahi of Gandhi and the conversion of Buddha to Parivrajakar, no time can anyone find any value at all. Any person trying to rejuvenate the role of Hanuman and Arjun can do it, now he can not get that chance again. Waiting for time can be done, but time does not wait for anyone. Good fortune like Bhagiratha, Dadhichi and Harishchandra can not be found even after sacrificing even more.

🔶 Time is changing. Parmatakal ka Brahmamu haar is right now. Arunodaya's philosophy can still be there. If some hours are such that if they are given a bad name, then how will they return after the time? Vela is the historical, extraordinary period of era-change. In it, the more successful the person will be, the higher the degree of bravery he can get. After the time has passed, the snake leaves the streak while remaining out of the stick.

🔷 These days man's fate and future are being written and rewritten and coined. Such a unique time comes after thousands of years. Those who forget this, always repent and who use it, they make themselves forever and ever. Govardhan was raised only once. The bridge was built at sea only once. Someone would have thought that at such times, we will continue to come again and again and whenever we will take it, then we will be able to take advantage of it, then those who understand this will be forgetting the mistake. This mistake can sometimes be scratched again.